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जेवर के आस-पास बीते पांच सालों में 40 फीसदी तक बढ़े प्रॉपर्टी के दाम
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भारत के आठ उभरते छोटे रियल एस्टेट बाजारों में शामिल हुआ जेवर
Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य शुरू होने के बाद से जेवर की पहचान ना केवल देश में बल्कि विश्व पटल पर बनी है। जिसकी वजह से जनपद गौतमबुद्धनगर का यह छोटा सा कस्बा ना केवल रियल एस्टेट कारोबार के रूप में तेजी से उभर रहा है। जिसके चलते जेवर आज भारत के आठ उभरते छोटे रियल एस्टेट बाजारों में शामिल हो गया है। बीते पांच सालों में जहां जेवर और उसके करीब 30 किलोमीटर के दायरे में जमीनों की कीमतों में 40 फीसदी तक की तेजी आई है। वहीं रियल एस्टेट कारोबार की बरीकी से जानकारी रखने वालों की माने तो आने वाले पांच सालों में जेवर और उसके आस-पास के क्षेत्र में जमीन की कीमतों में 50 फीसदी से भी अधिक उछाल आने की संभावनाएं हैं।
प्रॉपर्टी के कारोबार की बारीकी से जानकारी रखने वाले अंकुर शर्मा ने बताया कि रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली फर्म कोलियर्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के माध्यम से जानकारी दी है कि जेवर में जमीन की कीमतें 2030 तक 50 फीसदी से भी अधिक बढ़ने की संभावनाएं हैं। जिसका असर केवल जेवर पर ही नहीं बल्की उसके 30 किलोमीटर क्षेत्र में पड़ने वाले जनपद बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और पलवल तक भी पड़ेगा। उनमें भी अलीगढ़ के टप्पल, जट्टारी, बुलंदशहर के सिकंद्राबाद, न्यू नोएडा, ककोड़ आदि पर तेजी से पड़ेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जेवर यमुना-एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित एक छोटा कस्बा है। यह रणनीतिक बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विस्तार और विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ तेजी से एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। रिपोर्ट के अनुसार, जेवर रियल एस्टेट के छोटे बाजार के रूप में तेजी से उभर रहा है। इसका कारण जेवर हवाई अड्डा (नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा), मेट्रो का विस्तार और अन्य शहरी परियोजनाओं जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचे का विकास है। इससे मजबूत आर्थिक विकास की संभावनाएं बनी है।
अप्रैल 2025 में शुरू होगा एयरपोर्ट
कुल 1,334 एकड़ में फैला जेवर हवाई अड्डा अभी निर्माणाधीन है और इसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। अंकुर शर्मा ने कहा, ‘‘जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में शहरीकरण को गति दे रहा है। दिल्ली, नोएडा और आगरा के शहरी केंद्रों को जोड़ने वाले नवनिर्मित यमुना एक्सप्रेसवे के साथ इसका रणनीतिक स्थान एक विशिष्ट लाभ के रूप में काम करता है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी उपायों ने एक कस्बे के रूप में जेवर के विकास को गति दी है।
प्रॉपर्टी खरीद फरोक्त के बड़े जानकार अंकुर शर्मा का कहना है कि एयरपोर्ट के निर्माण के चलते जेवर और उसके आस पास के क्षेत्र में पिछले पांच साल में जमीन की कीमत 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फुट (2020-2024) तक पहुंच गई है और 2030 तक इसके 10,482 रुपये प्रति वर्ग फुट होने का अनुमान है।
8 उभरते बाजारों में शामिल हुआ जेवर का नाम
जेवर का नाम अब भारत के आठ उभरते छोटे रियल एस्टेट बाजारों में से एक है। अन्य सात छोटे बाजार सोनीपत (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), खोपोली (मुंबई महानगर) गिफ्ट सिटी और साणंद (अहमदाबाद), डोड्डाबल्लापुर (बेंगलुरु) ओरगादम (चेन्नई) और मुचेरला (हैदराबाद) हैं।