धान और गन्ना की फसल काटने के बाद गेहूं की बुवाई के लिए किसान बहुत जल्दबाजी में रहते हैं. इस कारण वे पराली (फसलों के अवशेष) को जलाकर खेत को साफ कर लेते हैं. यह तरीका भूमि के लिए बेहद हानिकारक होता है. पराली जलाने से मृदा की ऊपरी परत नष्ट हो जाती है और सूक्ष्मजीव मर जाते हैं, जिससे खेत की उर्वरता घट जाती है. इसके साथ पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है. इस समस्या से बचने के लिए एक सरल तरीका है, जिसे प्रणाली प्रबंधन कहा जाता है. (रिपोर्टः नीरज राज/बस्ती)