हर किसान चाहता है कि खेती से अधिक पैदावार मिले ताकि मुनाफे में बढ़ोतरी हो सके. अधिकतर किसान डीएपी को अपनी खेती का आधार बना चुके हैं. शायद उनको जानकारी नहीं होती कि अधिक डीएपी का उपयोग उनके के लाभकारी नहीं बल्कि हानिकारक साबित हो सकता है. अधिक डीएपी न केवल पैदावार और गुणवत्ता को बिगाड़ सकता है, बल्कि मिट्टी के उर्वरा शक्ति को भी काफी प्रभावित कर सकता है. आइए जानते है सही और गलत को लेकर एक्सपर्ट क्या बता रहे हैं. (रिपोर्टः सनन्दन / बलिया)