आंवला को आयुर्वेद में अमृत फल कहा गया है. आंवले का स्वास्थ्य के साथ ही धार्मिक महत्व भी है. इसे ब्रह्मा के आंसुओं से उत्पन्न बताया गया है, जिसका जिक्र स्कंद पुराण और पद्म पुराण में मिलता है. आयुर्वेद में इसे त्रिदोष नाशक माना गया है यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करता है. इसके नियमित सेवन से शरीर को कई लाभ मिलते हैं जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना, बालों और त्वचा का स्वस्थ रहना और पाचन का सुधार होना. (रिपोर्टः सुधांशु/ गाजीपुर)