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जिले में लंबे समय से चला आ रहा किसान आंदोलन अब तूल पकड़ चुका है। जहां सोमवार को दिल्ली कूच कर रहे किसानों को दलित प्रेरण स्थल में रोका था, वहीं मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार कर बसों में भर जेल भेज दिया। नोएडा पुलिस के अनुसार किसानों के खिलाफ यह कार्यवाही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के उल्लंघन पर की गई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि नियमों के उल्लंघन करने की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

किसान अपनी 10 अहम मांगों को लेकर फिर से सड़क पर उतर गए हैं. किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर कल सोमवार से ही अनिश्चितकालीन धरने पर थे। लेकिन पुलिस ने आज मंगलवार को यहां पर बैठे 160 से अधिक किसानों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले प्रेरणा स्थल पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। इस बीच किसानों के आंदोलन की वजह से ग्रेटर नोएडा हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

नोएडा के सेक्टर 95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठे किसानों के बीच तब अचानक हड़कंप मच गया, जब भारी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने धरना दे रहे किसानों को जबरन उठाकर गिरफ्तार कर लिया। किसानों को बसों में भरकर गिरफ्तार कर लुक्सर जेल पर भेज दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। उनकी गाड़ियों को भी धरनास्थल से हटा दिया गया है।

बीकेयू की शाम 4 बजे अहम बैठक

पुलिस ने बताया कि भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा, भारतीय किसान यूनियन (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना, किसान नेता सुनील फौजी, उदल यादव, सुनील प्रधान, रूपेश वर्मा और अमन भाटी समेत कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच किसानों को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने मुजफ्फरनगर में आज शाम चार बजे पंचायत बुलाई है जिसमें उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी शामिल होंगे।

भारतीय न्याय संहिता के उल्लंघन पर हुई गिरफ्तारी

किसानों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की 163 के उल्लंघन पर गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें बसों में भर कर जिला जेल भेज दिया गया. पुलिस प्रशासन का कहना है कि शहर में बीएनएस की धारा 163 लगी हुई है, जिसके उल्लंघन पर किसानों को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले पुलिस ने दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को कल सोमवार को गौतमबुद्ध नगर की सीमा पर ही रोक दिया. महामाया फ्लाईओवर के रास्ते होते हुए दिल्ली जा रहे किसानों को नोएडा पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल से आगे नहीं बढ़ने दिया।

धरने पर बैठे नाराज किसान

पुलिस की ओर से रोके जाने से नाराज किसान बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। फिर शाम को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों को शासन स्तर पर बातचीत कराने का आश्वासन दिया जिसके बाद दिल्ली-नोएडा लिंक रोड को खुलवाया जा सका। हालांकि, किसान दलित प्रेरणा स्थल के अंदर ही धरने पर बैठ हुए थे। रात होते-होते बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए और वहीं पर डेरा जमा लिया। किसानों ने वहां पर लोगों के लिए खाना बनाने की व्यवस्था की और ठंड से बचने के लिए रजाई और कंबल आदि की व्यवस्था कराई। रात में किसानों ने रागिनी गाकर और जोशीले भाषण के जरिए एक-दूसरे का मनोबल बढ़ाया। सरकार की ओर से अधिग्रहित की गई जमीन पर उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदेश के कई हिस्सों से आए किसानों ने कल सोमवार को दिल्ली की ओर कूच किया, लेकिन उन्हें नोएडा-दिल्ली बॉर्डर से आगे नहीं जा सके. पुलिस ने उन्हें वहीं पर रोक दिया।

किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च

किसानों की ओर से कहा गया कि अगर सात दिनों के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे दिल्ली की ओर फिर से कूच करने की कोशिश करेंगे. प्रदर्शनकारी किसान ‘बोल किसान, हल्ला बोल’ के नारे लगाते हुए दादरी-नोएडा लिंक रोड पर महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र हुए और सुबह 11:30 बजे अपना दिल्ली चलो मार्च शुरू किया।

हालांकि इस वजह से सड़क पर भारी जाम लग गया जिससे यातायात अवरूद्ध हो गई. कल सोमवार को दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से गुजरने वाले यात्रियों को कई घंटों तक लंबे जाम में फंसना पड़ गया. लोगों को इस वजह से भारी असुविधा हुई, क्योंकि पुलिस ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कुछ दूरी तक बैरीकेट तक लगा दिए थे और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

किसानों का नोएडा की चिल्ला बॉर्डर पर कई घंटों तक प्रदर्शन जारी रहा, क्योंकि कई किसान समूहों के बैनर और झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने शुरुआती अवरोधकों को पार कर लिया था। लेकिन उन्हें दिल्ली के प्रवेश स्थल चिल्ला बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर दूर दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक लिया गया।

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