मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है और इसे ‘महानंदा शक्तिपीठ’ के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि अंग्रेजों के जमाने में विशेष कार्य की पूर्ति के बाद इस मंदिर का निर्माण कराया गया Post navigation बदायूं में ‘यमराज’ का कहर, चार लोगों का पूरा परिवार और दो रिश्तेदारों की मौत चना की खेती करने के लिए बीज पर मिल रही 50% की सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन