देसी श्वानों की प्रजातियों में रामपुर हाउंड, चिप्पीपराई, मुधौल हाउंड, राजपलायम समेत 12 प्रजातियां पंजीकृत है, लेकिन आक्रामकता और लुक के कारण पिटबुल, रोटविलर जैसी विदेशी नस्लों को पसंद किया जाने लगा है. ऐसे करके रोहिलखंड केनाइन क्लब देश से देसी नस्लों के श्वान को विलुप्त होने से बचाती है.