प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुसुम की खेती के लिए एक बीघा में 15 से 20 किलो बीज की जरूरत पड़ती है. इसके पौधे 120-130 दिनों में उत्पादन देने लगते हैं. इसमें सरसों से अधिक तेल निकलता है और औषधीय गुणों से भरपूर है. इसमें ऐसे रसायन भी होते हैं जो खून के थक्कों को रोकने, रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है.