17 वर्षीय कथा वाचक राजकुमार दास जब साधुओं के लिबास में चमचमाते मंच पर पहुंचे और जय सियाराम कहते हुए मंच पर अपना पूरा परिचय दिया, तो वहां बैठे दर्शक और जजेज भी गर्म जोशी से उनका स्वागत किया है. Post navigation इस तकनीक से करें आलू की खेती, कम मेहनत में होगी तगड़ी कमाई किसान को मौत उतारने वाला बाघ गया पकड़ा, अब अधिकारी लेंगे इसका फैसला