पेड़-पौधों के रूप में प्रकृति ने हमें एक सबसे अनमोल उपहार दिया है. ये न सिर्फ शुद्ध हवा और ताजगी देते हैं, बल्कि हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं लेकिन जब विकास के नाम पर इनका कत्ल होता है, तो हम अपनी ही दुनिया को संकट में डाल देते हैं. ऐसी ही संकटमयी स्थिति से बचाने के लिए गाजीपुर के प्रवीण तिवारी, जिन्हें लोग “पेड़ बाबा” के नाम से जानते हैं, ने अपनी जिंदगी समर्पित कर दी है. उनकी कहानी एक जुनून और प्रतिबद्धता की मिसाल है, जो हमें ये सिखाती है कि अगर हम प्रकृति को बचाएंगे, तो यही हमें बचाएगी.