कारीगर शतरुतीन ने बताया कि 20 वर्षों से लगातार फैंसी चप्पलों को हाथों से तैयार करते आ रहे हैं. वहीं एक जोड़ी चप्पल बनाने में 60 रुपए से लेकर 100 तक का खर्चा आ जाता. रेक्सीन की डिमांड बए़ गई तो अब सिर्फ रेक्सीन के ही जूते-चप्पल बनाते हैं. यहां के दूकानों में अपको 200 से 300 रूपए तक में बेस्ट क्वालिटी के जूते-चप्पल मिल जाएंगे.