Sadak-e-Azam: बेशक इटावा जिले में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे भी आते हों लेकिन एनएच 91 का अपना अलग ही मिजाज है. इस रूट के लिए यही वह पहला मार्ग है जिसे आवागमन का एक मात्र माध्यम माना जाता रहा है. Post navigation सहरानपुर के लिए तैयार हुआ खास प्लान, लोगों को जाम से मिलेगी मुक्ति गरीबी में पले-बढ़े, मेहनत के दम पर पास की NEET और JEE, नहीं हो पा रहा एडमिशन?