लोकल-18 से बातचीत करते हुए हनुमान मंदिर के महंत मोनी बाबा ने बताया कि इस गांव का प्राचीन नाम दाल था. अंग्रेजों ने इस गांव के नाम को बदल दिया. उन्होंने बताया की दाल गांव से लाल गांव अंग्रेजों ने बदलकर नाम रख दिया था, तभी से इस गांव का नाम राल पड़ गया है.