पुजारी महानंद चौबे ने लोकल 18 से कहा कि वर्ष 1989 में जब वह वन विभाग में कार्य कर रहे थे तो उन्हें ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से जूझने लगे. वह तभी से इस मंदिर पर आकर सेवादार के रूप में पंचमुखी हनुमान जी का सेवा व पूजा अर्चना करने लगे. आज तक वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं.