Farrukhabad: जिले में यूं तो खाने-पीने की बहुत सी दुकानें हैं लेकिन कमलागंज की अमन मिष्ठान भंडार की बात ही अलग है. यहां मिलने वाले समोसे बनते ही खत्म हो जाते हैं और देर हुई तो खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. Post navigation सरसों के खेती करने वाले किसान करें यह काम, बंपर हो जाएगी पैदावार खुद की मेहनत से खड़ा किया कारोबार, आज आसिफ दूसरों को भी दे रहे रोजगार