गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. पूनम टंडन का कहना है कि अनुभवी पेशेवरों के शामिल होने से शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा. विश्वविद्यालय ने इस नई व्यवस्था के तहत पांच साल की वरिष्ठ सेवा वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है. Post navigation गोंडा: काले नमक धान को मिला जीआई टैग, किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि चौकी में दारू पार्टी कर रहे थे दरोगा और 4 सिपाही… वीडियो वायरल, मचा हड़कंप